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दिनांक १२ जनवरी २०१० को नव निर्वाचित पदाधिकारियों का बैठक रखा गयाजिसमे कार्यकारिणी समिति में नए सदस्य शामिल किए गए . बैठक में प्रबंधनके पास लंबित मांगो पर विचार के लिए बैंक के निदेशक मंडल से चर्चा के लिएअध्यछ महोदय को पत्र प्रेषित कर निदेशक मंडल से चर्चा के लिए समयनिर्धारित करने का निर्णय लिया गया. दिनांक ११ दिसंबर २००९ को AIRRBOFके महासचिव श्री एस. के. भट्टाचार्जी के नेत्रित्व में प्रबंधन से चर्चाके दौरान श्री एस . पी. कोहली अध्यछ के द्वारा १५ जनवरी २०१० तकसकारात्मक निर्णय लिए जाने का आश्वसान दिया गया था . सकारात्मक निर्णयनहीं लिए जाने की स्थिति में हड़ताल में जाने के निर्णय से प्रबंधन को अवगत करा दिया गया था . लंबित मांगो के संबंध में देना बैंक निदेशक मंडल ,नाबार्ड, भारतीय रिजर्व बैंक , भारत सरकार वित्त मंत्रालय , श्रम आयुक्त ,कलेक्टर एवं पुलिस अधिछक को पत्र लिखकर पूर्व में ही सूचित कर दिया गया है. हमारी प्रमुख लंबित मांग - प्रबंधन के द्वारा कार्मिक विरोधी निर्णय ,नए कार्मिक की भरती नहीं करना , कार्य की अधिकता , डंडा चलाने एवं नौकरीसे निकालने की धमकी देना ,अकर्मण्य कार्मिक को प्रोत्साहन देना , कोरबैंकिंग की प्रक्रिया में अनावश्यक विलम्ब करना , ATM नहीं लगाना ,शाखाओं में सुरछा ब्यवस्था उचित ढंग से नहीं करना , संदेश्वाहको की भरतीनहीं करना अथवा दैनिक वेतन पर काम कराने का मौखिक आदेश देकर मजदूरी का भुगतान नहीं करना,निकट भविष्य में सेवानिवृत होने वाले अधिकारियों केस्थान पर स्थानापन्न अधिकारी तैयार नहीं करना , पद्दोनात्ति प्रक्रिया कोबंद करना , बैंक की ब्यवसाय वृद्धि के लिए कारगर तरिका नहीं अपनाये जाने,अवकाश यात्रा रियायत का ७५ प्रतिशत नकदीकरण को लागू नहीं करना ,अन्यग्रामीण बैंको में लागू सुविधाओं को नहीं देना आदि मुख्य मांग है . हमने अपनी उचित मांग के सम्बन्ध में केन्द्रीय संगठनो को अवगत कर दिया है , अभी भी हमारा प्रयास बातचीत से समस्यों का निराकरण करना है जोप्रबंधन के हाथ में है.
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